कैसे 100 साल बाद प्रतिस्पर्धी खेल लीगों ने भारत में जड़ें जमाईं, जानिए सभी रोचक तथ्य

गोविंद टेकाले

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खेल लीगों की यात्रा प्राचीन सभ्यताओं से शुरू होकर आज तक की विकसित लीगों तक पहुंची है, जानिए इस विकास की रोचक बातें।

फोटो साभार: Public.Resource.Org

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प्राचीन मेसोपोटामिया में 3000 ईसा पूर्व मुक्केबाजी के चित्र मिले, जिससे खेलों की उम्र का पता चलता है।

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प्राचीन यूनानी ओलंपिक में मुक्केबाजी को एक कुलीन खेल माना गया था, इसकी वीरता आज भी प्रेरणा देती है।

फोटो स्रोत: रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर

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फुटबॉल और क्रिकेट जैसे खेल प्राचीन चीन और इंग्लैंड से उद्भूत हुए, वैश्विक संस्कृति में इनका गहरा प्रभाव है।

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19वीं और 20वीं सदी में खेलों का पेशेवर रूप सामने आया, जिसने नई लीगों का मार्ग प्रशस्त किया।

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ब्रिटिश राज ने भारत में क्रिकेट की नींव रखी, जो आज भी देश का सबसे प्रिय खेल है।

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इंडियन प्रीमियर लीग की शुरुआत 2008 में हुई, जिसने खेल के वैश्विक मंच पर भारत की पहचान मजबूत की।

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भारत में फुटबॉल और क्रिकेट के विकास में आधुनिकीकरण और समर्थन की जरूरत है, जानिए AIFF और BCCI की भूमिका।

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प्रतिस्पर्धी खेलों का विकास आज भी जारी है, जिसमें नई तकनीकी और रणनीतियों का समावेश होता है।

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